हम तुम- भाग 17
भाग 17
आदित्य ऑफिस में होता है, तभी अदिति का फोन आता है। वो उसे बताती है कि पापा ने एक फ्लैट देखा है तो इसलिए आदित्य सीधा ऑफिस से शाम को घर आ जाए, ताकि वो दोनों साथ मिलकर फ्लैट देखने जा सकें।
आदित्य कहता है ठीक है मैं आ जाऊंगा लेकिन मेरे लिए तुम ब्रेड ऑमलेट बनाकर रखना खाने के लिए।
अदिति…..ठीक है मैं मम्मी को बोल दूँगी बनाने के लिए।
आदित्य…….नहीं मुझे तुम्हारे हाथ का बना खाना है। देखूं जरा तुम्हें खाना बनाना आता है कि नहीं?
अदिति चिढ़कर कहती है…..अगर नहीं बनाना आता होगा तो क्या करोगे, अपना फैसला बदल लोगे?
आदित्य हँसते हुए कहता है…. नहीं-नहीं मेरी लक्ष्मीबाई, तुम्हें तो मैं इस जन्म में छोड़ने वाला नहीं हूँ। एक सुंदर सी लड़की रख लेंगे घर में खाना बनाने के लिए।
अदिति….चलो छोड़ो यह सब फालतू की बातें, तुम समय से घर आ जाना बस। यह कहकर अदिति फोन रख देती है।
आदित्य मन ही मन मुस्कुराता है सोचकर….लगता है सुंदर लड़की के नाम से चिढ़ गयी। ओह अदिति….तुम्हारा प्यार मेरे जीवन में इतनी मिठास घोल देगा मुझे मालूम नहीं था। आदित्य गाना गुनगुनाने लगता है….
" तू इजाज़त दे अगर
तुझसे थोड़ा प्यार मैं कर लूँ जानेजां
बैठ मेरे सामने
खाली दिल, खाली नज़र भर लूँ जानेजां
तेरा चेहरा जब नज़र आये"
आदित्य का दोस्त कहता है क्या बात है गाना गुनगुनाया जा रहा है वो भी ऑफिस में?
आदित्य हँसते हुए कहता है….चिंता मत कर बड़ी जल्दी इस राज़ से पर्दा उठने वाला है। चल मुझे अब काम करने दे।
शाम को आदित्य ठीक समय पर अदिति के घर पहुँच जाता है। अदिति दरवाज़ा खोलती है। आज अदिति ने टीशर्ट और पाजामा पहना हुआ होता है। जैसे ही आदित्य घर में घुसता है, धीरे से अदिति के कान में कहता है….अच्छी लग रही हो।
अदिति….घर के कपड़ों में भी, वाह? लगता है तुम्हारा चश्मे का नंबर वाकई में बढ़ गया है।
चलो जल्दी से फ्रेश हो जाओ, मैं तुम्हारे लिए ऑमलेट बना देती हूँ गरमा-गरम। पापा-मम्मी सब्ज़ी लेने गए हैं आते ही होंगे।
आदित्य….मौका अच्छा है अदिति, क्या कहती हो फायदा उठा लिया जाये?
अदिति…..प्यार तो मिलने वाला नहीं है, हाँ पिटाई ज़रूर मिल सकती है। खानी है क्या?
आदित्य…….हाँ अदिति के हाथ का सब चलेगा मुझे। आता हूँ जल्दी से, तुम ऑमलेट बनाकर रखो।
आदित्य को अदिति का घर अपने घर जैसा ही लगता था। उसे यहाँ अजनबीपन सा महसूस नहीं होता था।
अदिति आदित्य को ब्रेड ऑमलेट देकर सामने वाले सोफे पर बैठ जाती है। आदित्य अदिति को अपने पास बैठने के लिए कहता है लेकिन अदिति मना कर देती है।
आदित्य चिढ़कर कहता है….मॉल में तो साथ बैठती हो मेरे और घर में दूर बैठी हो।
अदिति मुस्कुराकर कहती है वहाँ दुनिया की भीड़ होती है ना, यहाँ हम अकेले हैं।
आदित्य….भरोसा नहीं है मुझ पर?
अदिति……. भरोसा है तभी तो शादी कर रही हूँ।
आदित्य….ओह हो अदिति प्लीज मेरे साथ बैठो ना? अगर तुम पास नहीं बैठोगी तो मैं खाऊंगा नहीं।
अदिति परेशान होकर आदित्य के पास बैठ जाती है और कहती है खाओ अब, ऑमलेट ठंडा हो जायेगा।
आदित्य पहले अदिति को खिलाता है फिर खुद खाता है।
अदिति….ऐसा क्यों किया तुमने?
आदित्य…..तुम्हारा झूठा खाने से मैं तुम्हें अपने और करीब महसूस करता हूँ। ऐसा लगता है जैसे अदिति आदित्य में मिल गयी हो।
वैसे अदिती ऑमलेट एकदम परफेक्ट बना है जैसा मुझे पसन्द है।
अदिती मुस्कुरा देती है और पूछती है क्या शादी के बाद भी तुम मुझसे इतना ही प्यार करोगे जितना अभी करते हो? लोग कहते हैं शादी के बाद प्यार खत्म हो जाता है।
आदित्य अदिती का चश्मा बड़े प्यार से उतारता है। उसके चेहरे पर बिखरी जुल्फों को कानों के पीछे करता है और आँखों में देखकर कहता है…..हमारे रिश्ते में गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड जैसा कुछ कभी रहा ही नहीं। मुझे तुम हमेशा पत्नी की तरह ही लगी और पति-पत्नी का प्यार और साथ उम्र भर का होता है। समझी अदिति?
अदिति बेहद भावुक हो जाती है आदित्य की बातें सुनकर और प्यार से आदित्य की तरफ देखने लगती है।
आदित्य और अदिति के होंठों के बीच फासला कम होने ही लगा था कि तभी दरवाज़े की घँटी बज गयी।
अदिति और आदित्य संभल गए।
अदिती के मम्मी पापा आ गए थे। आदित्य और उनके बीच सामान्य बातचीत हुई । फिर अदिति के पापा ने बताया कि उनके सामने वाले अपार्टमेंट में एक फ्लैट खाली है पहली मंजिल पर। चलो सब वो फ्लैट देखने चलते हैं। प्रोपेर्टी डीलर मेरा दोस्त है। वो चाबी लेकर पहुंचा हुआ है वहाँ।
आदित्य,अदिती के मम्मी पापा सब फ्लैट देखने के लिए जाते हैं। फ्लैट में 2 कमरे होते है खुले-खुले, किचन में बर्तन रखने के शेल्फ बने हुए होते हैं और बालकनी भी काफी बड़ी होती है। आदित्य और अदिति को फ्लैट पसन्द आ जाता है।
आदित्य अदिति के पापा को शादी की तारीख निकालने के लिए कहता है।
अदिति के पापा कहते हैं….घर के लिए सारा सामान हमारी तरफ से होगा। मेरे दोस्त की फर्नीचर की दुकान है पंचकुइयां रोड पर, तुम दोनों वहाँ से अपने लिए डबल बेड, सोफा और अलमारी पसन्द कर लेना, बाकि पैसे की बात मैं अपने आप कर लूँगा। तुम दोनों को सिर्फ रहना है जाकर, बाकि तैयारी अदिति की मम्मी और मैं कर लेंगे।
आदित्य कहता है नहीं पापा आप यह सब मत करिए, मैं सब संभाल लूँगा।
पापा….अदिति हमारी एकलौती बेटी है और मैं उसके लिए कोई कमी नहीं करना चाहता। मैं चाहता हूँ उसकी शादी भी धूम धाम से हो जैसे सबकी होती है ताकि उसके दिन में कोई मलाल ना रहे।
यहीं घर के पास एक धर्मशाला है, शादी की तारीख तय होते ही मैं वो बुक कर दूंगा। तुम्हें किसी बात की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
लेकिन आदित्य बेटा एक बार मैं और अदिति की मम्मी तुम्हारे मम्मी पापा से मिलना चाहते हैं।
आदित्य कहता है…आप तो जानते ही हैं मेरे मम्मी पापा हमारी शादी के खिलाफ हैं। लेकिन मैं फिर भी कोशिश करूँगा आपसे उन्हें मिलवाने की।
पापा मैं चाहता हूँ कल मेरा भाई भी आकर फ्लैट देख ले, इस बहाने उसका आप सबसे मिलना भी हो जायेगा।
अदिति के पापा यह सुनकर खुश हो जाते हैं और कहते हैं बड़ा भाई भी पिता के समान ही होता है।
आदित्य घर जाने के लिए उठता है तो अदिति की मम्मी कहतीं है….आदित्य आज अदिति ने चिकन बनाया है, खाना खाकर जाओ। वैसे भी 8 तो बज ही चुके हैं। एक बारी अपने घर में फोन करके बता दो।
आदित्य मुस्कुराकर कहता है….अब अदिति ने बनाया है तो खाकर जाना ही पड़ेगा।
आदित्य आकाश को फोन करके बता देता है कि वो अदिति के घर से खाना खाकर आयेगा।
आकाश अपनी मम्मी को बोलता है आज आदित्य को देर हो जायेगी ऑफिस से घर आने में, वो वहीँ खा लेगा। आकाश अपने भाई का पूरा साथ दे रहा था।
अदिती के घर में सब साथ मिलकर खाना खाते हैं। आदित्य को चिकन बहुत पसन्द आता है। अदिति मीठे में गुलाबजामुन लाती है खाने के लिए। सब खाना खाते हुए टीवी देख रहे होते हैं। पापा का फोन आ जाता है तो वो फोन सुनने दूसरे कमरे में चले जाते हैं और मम्मी रसोई में।
अदिति अपनी कटोरी में से आधा गुलाबजामुन खाती है और आदित्य को दे देती है। आदित्य भी अपना आधा खाया हुआ अदिति को दे देता है।
आदित्य ....... अब ज़्यादा मीठा लग रहा है मेरा गुलाबजामुन।
अदिति....मेरा भी।
आदित्य और अदिति एक दूसरी ही दुनिया में होते हैं दुनिया से बेखबर।
आदित्य सबसे घर जाने की इजाज़त लेता है। अदिति उसे छोड़ने के लिए नीचे आ रही होती है। आदित्य मना कर देता है यह कहकर कि बाहर अँधेरा हो गया है काफी, उसे नीचे छोड़ने आने की ज़रूरत नहीं है।
आदित्य वहाँ से अपने घर के लिए निकल जाता है और रास्ते में सोच रहा होता है….प्रेम विवाह में दोनों परिवारों में से एक की भी रजामंदी हो तो बहुत सहारा मिल जाता है। शुक है भगवान का कि अदिति के मम्मी पापा हमारे साथ हैं।
घर जाकर आदित्य आकाश को सब कुछ बता देता है और उसे कहता है कि वो चाहता है कि वो उसके साथ फ्लैट देखने चले और अदिति के मम्मी पापा से भी एक बार मिल ले। आकाश आदित्य को गले से लगा लेता है और कहता है ..... मेरे छोटे भाई की शादी में मुझसे जो बन सकेगा मैं वो करूँगा।
आदित्य की आंखें नम हो जाती हैं यह सुनकर और वो अपने कमरे में चला जाता है। सो ही रहा होता है कि उसकी आंखों में वो दृश्य घूमने लगता है जब अदिति का चेहरा उसके चेहरे के बहुत करीब था।
मन में बेचैनी सी होने लगती है। आदित्य अदिति को फोन मिलाता है और कहता है…..मेरा गुलाबजामुन क्या कर रहा है?
अदिति मुस्कुरा उठती है आदित्य के इतने प्यार से बात करने से और कहती है सोने की तैयारी।
आदित्य….तुम्हें कुछ नहीं कहना मुझसे?
अदिति…….नहीं, बस तुम जल्दी से आ जाओ बारात लेकर।
आदित्य कहता है मुझे भी उस वक्त का इंतज़ार है बेसब्री से।
❤सोनिया जाधव
Shrishti pandey
24-Jan-2022 02:52 PM
Nice
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🤫
23-Jan-2022 10:30 AM
Very nice
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